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मिस राजस्थान के ऑडिशन के लिए गांव-ढाणियों से पहुंची गर्ल्स: 1 हजार पार्टिसिपेंट्स ने किया रैम्प वॉक, 13 जुलाई को होगा ग्रैंड फिनाले | jaipur news

जयपुर में इन दिनों फैशन और खूबसूरती की नई परिभाषा लिखी जा रही है। शहर में आयोजित हो रहे मिस राजस्थान 2025 के ऑडिशन ने इस बार एक अलग ही रंग ले लिया, जब राज्य के कोने-कोने से, गांव-ढाणियों से आई हज़ारों लड़कियों ने मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों से आई ये बेटियां आत्मविश्वास से भरे रैंप पर उतरीं, और यह साबित कर दिया कि सपने सिर्फ शहरों के नहीं होते — हुनर, आत्मबल और कड़ी मेहनत की कोई सीमा नहीं होती।

जयपुर के एक प्रमुख होटल में आयोजित हुए इस मेगा ऑडिशन में करीब 1000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। पारंपरिक पोशाकों से लेकर वेस्टर्न ड्रेस तक, इन युवा प्रतिभाओं ने जब कैटवॉक किया, तो मंच ही नहीं, दर्शकों का दिल भी जीत लिया। मिस राजस्थान के आयोजकों ने इस बार खासतौर पर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक प्रतिभाओं को जोड़ने की कोशिश की, और इसका असर साफ देखने को मिला — पहली बार इतनी बड़ी संख्या में गांवों से लड़कियों ने हिस्सा लिया।

ऑडिशन के दौरान लड़कियों ने सिर्फ रैम्प वॉक ही नहीं किया, बल्कि उनकी कम्युनिकेशन स्किल्स, आत्मविश्वास, सोशल अवेयरनेस और पर्सनैलिटी को भी परखा गया। कई प्रतिभागियों ने समाज से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे, जिससे जजेस भी प्रभावित हुए। आयोजकों का कहना है कि प्रतियोगिता अब सिर्फ सुंदरता तक सीमित नहीं रह गई, यह आज की नारी की आत्मनिर्भरता, विचारशीलता और समाज के प्रति जिम्मेदारी का भी प्रतीक बन चुकी है।

मिस राजस्थान के डायरेक्टर योगेश मिश्रा और गौरव गौड़ ने बताया कि इस वर्ष ऑडिशन के लिए रिकॉर्डतोड़ एंट्रीज़ आईं, और कई ऐसे नाम सामने आए जो पहली बार मंच पर आए थे लेकिन उनकी परफॉर्मेंस ने सभी को चौंका दिया। आयोजकों ने बताया कि वे ऐसे मंच तैयार करना चाहते हैं जहां राज्य की बेटियों को न केवल ग्लैमर की दुनिया में एंट्री मिले, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और व्यक्तित्व विकास का मौका भी मिले।

ऑडिशन की प्रक्रिया कई राउंड्स में पूरी की गई। शुरूआती स्क्रीनिंग के बाद जिन प्रतिभागियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, उन्हें अगले राउंड के लिए चुना गया। प्रत्येक चयनित प्रतिभागी को एक कोचिंग और ग्रूमिंग सेशन में भाग लेने का मौका मिलेगा, जहां फैशन इंडस्ट्री के दिग्गज मॉडल्स, ट्रेनर्स और स्पीकिंग एक्सपर्ट्स उन्हें ग्रैंड फिनाले के लिए तैयार करेंगे।

इस साल का ग्रैंड फिनाले 13 जुलाई को जयपुर के एक बड़े ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा, जिसमें चयनित टॉप फाइनलिस्ट्स अपने हुनर का अंतिम प्रदर्शन करेंगी। यह न सिर्फ एक सौंदर्य प्रतियोगिता होगी, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव भी होगा, जहां राजस्थान की परंपरा और आधुनिकता का अनोखा संगम देखने को मिलेगा।

एक खास बात यह भी रही कि इस बार कई लड़कियां ऐसी थीं, जो पहली बार शहर आई थीं। उन्होंने अपने गांव की मिट्टी की सोंधी खुशबू और अपनी परंपरा को गर्व के साथ मंच पर प्रस्तुत किया। किसी ने राजस्थानी घाघरा-चोली में रैम्प वॉक किया, तो किसी ने अपनी मातृभाषा में परिचय दिया। कई लड़कियों ने यह भी बताया कि उन्होंने इंटरनेट पर वीडियो देखकर वॉक करना सीखा, और अपने परिवार की मर्जी से यहां तक पहुंची हैं।

फाइनल के लिए चयनित प्रतिभागियों में चूरू, झुंझुनूं, बाड़मेर, भीलवाड़ा, कोटा और अलवर जैसे जिलों की लड़कियां शामिल हैं। यह साफ संकेत है कि अब सौंदर्य प्रतियोगिताएं केवल मेट्रो सिटीज़ तक सीमित नहीं रह गई हैं। राजस्थान की बेटियां अब खुद को हर मंच पर साबित करने को तैयार हैं।

आयोजकों ने बताया कि इस प्रतियोगिता से निकलने वाली विजेता को न केवल राज्य स्तर पर पहचान मिलेगी, बल्कि उसे राष्ट्रीय स्तर पर भी विभिन्न ब्यूटी पेजेंट्स में हिस्सा लेने का मौका दिया जाएगा। इसके साथ ही विजेताओं को मॉडलिंग प्रोजेक्ट्स, ब्रांड एंडोर्समेंट्स और सोशल कैंपेन में भी भागीदारी का अवसर मिलेगा।

मिस राजस्थान के पिछले विजेता भी मंच पर मौजूद रहे और उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता उनके जीवन में मील का पत्थर साबित हुई। उन्होंने बताया कि कैसे एक सामान्य से शहर से आई लड़की आज टेलीविजन शो, फिल्म्स और एडवर्टाइजिंग वर्ल्ड में काम कर रही है।

निष्कर्ष:
मिस राजस्थान 2025 के ऑडिशन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अब सपनों की दुनिया सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रह गई। गांव-ढाणी की लड़कियां भी अब आत्मविश्वास के साथ कह सकती हैं कि वे किसी से कम नहीं। 13 जुलाई को होने वाला ग्रैंड फिनाले न केवल खूबसूरती और स्टाइल का जश्न होगा, बल्कि यह राजस्थान की बेटियों की उस उड़ान का प्रतीक होगा, जो सीमाओं को पार कर अपने सपनों की ऊंचाइयों को छूने निकली हैं।


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