द्वितीय भाव कुंडली में धन, वाणी, पारिवारिक सुख और भौतिक संपत्ति का प्रतिनिधित्व करता है। जब शुक्र इस भाव में स्थित होता है, तो यह
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द्वितीय भाव कुंडली में धन, वाणी, पारिवारिक सुख और भौतिक संपत्ति का प्रतिनिधित्व करता है। जब शुक्र इस भाव में स्थित होता है, तो यह
Read moreजब शुक्र पहले भाव में स्थित होता है, तो यह व्यक्ति के व्यक्तित्व, आकर्षण और जीवन के प्रति नजरिये पर गहरा प्रभाव डालता है। प्रथम
Read moreआने वाला कल आपके लिए कैसा रहेगा? 21 अप्रैल 2025 के लिए आपका टैरो राशिफल आजकल ज्योतिष और टैरो कार्ड्स का काफी बोलबाला है। ज्योतिषियों
Read moreबारहवां भाव कुंडली का एक रहस्यमय, गूढ़ और अदृश्य भाव माना जाता है। इसे व्यय, हानि, परोपकार, आध्यात्म, मोक्ष, विदेश यात्रा, नींद और गोपनीय जीवन
Read moreग्यारहवां भाव कुंडली का लाभ स्थान होता है, जिसे इच्छाओं की पूर्ति, सामाजिक नेटवर्क, मित्र मंडली, आय के स्रोत और आकांक्षाओं की उपलब्धि से जोड़ा
Read moreदशम भाव को कुंडली में कर्म, पेशा, सामाजिक प्रतिष्ठा, पद-प्रतिष्ठा, और जीवन में मिलने वाले यश-अपयश से जोड़ा जाता है। जब राहु इस भाव में
Read moreनवम भाव को वैदिक ज्योतिष में भाग्य, धर्म, गुरु, उच्च शिक्षा, विदेश यात्रा, जीवन के आदर्श और पिता के साथ संबंधों का प्रतीक माना जाता
Read moreआठवां भाव वैदिक ज्योतिष में रहस्यों, मृत्यु, पुनर्जन्म, गुप्त ज्ञान, वित्तीय उत्तराधिकार और अचानक होने वाली घटनाओं से जुड़ा हुआ होता है। जब राहु इस
Read moreसातवें भाव में राहु की स्थिति को वैदिक ज्योतिष में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह भाव जीवनसाथी, वैवाहिक संबंध, साझेदारी, सार्वजनिक छवि और
Read moreछठे भाव में राहु की उपस्थिति को वैदिक ज्योतिष में विशेष महत्व दिया जाता है। यह भाव शत्रु, रोग, ऋण, संघर्ष, प्रतियोगिता, सेवा, और न्याय
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