वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को कर्म का दंडाधिकारी और न्यायप्रिय ग्रह माना गया है। शनि देव न केवल व्यक्ति के कर्मों का फल
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वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को कर्म का दंडाधिकारी और न्यायप्रिय ग्रह माना गया है। शनि देव न केवल व्यक्ति के कर्मों का फल
Read moreहिंदू धर्म में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। उन्हें कर्मफलदाता कहा गया है, जो प्रत्येक जीव को उसके कर्मों के अनुसार
Read more28 अप्रैल 2025 से ग्रहों की चाल में बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। इस दिन शनि और शुक्र का विशेष योग बन रहा है,
Read moreहिंदू धर्म में देवताओं की पूजा विशेष विधि और सामग्री के साथ की जाती है। प्रत्येक देवता को भिन्न-भिन्न वस्तुएँ अर्पित की जाती हैं, जिनका
Read moreशनि ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व प्राप्त है। इसे न्याय का देवता कहा जाता है जो प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार
Read moreपरिचय – शुक्र का 12वें भाव में होना ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को प्रेम, सौंदर्य, कला, और आकर्षण का ग्रह माना जाता है। जब यह
Read moreपरिचय – जब शुक्र 11वें भाव में होता है ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण, और रिश्तों का प्रतीक माना जाता है।
Read moreपरिचय – जब शुक्र दशवें भाव में होता है ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण, और रिश्तों का प्रतीक माना जाता है। जब
Read moreपरिचय – जब शुक्र नवें भाव में होता है ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण, और रिश्तों का कारक माना जाता है। जब
Read moreपरिचय – जब शुक्र आठवें भाव में होता है ज्योतिष में शुक्र ग्रह प्रेम, आकर्षण, सौंदर्य, और रिश्तों का प्रतीक माना जाता है। जब यह
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