बिहार बोर्ड (BSEB) ने छात्रों के हित में एक बार फिर एक सराहनीय कदम उठाया है। BSEB ने इंटरमीडिएट (कक्षा 11वीं) में दाख़िले के लिए Online Facilitation System for Students (OFSS) पोर्टल के ज़रिए आवेदन करने की अंतिम तिथि को 3 जुलाई तक बढ़ा दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब लाखों छात्र कंपार्टमेंटल और स्क्रूटनी रिजल्ट्स के बाद दाख़िले को लेकर असमंजस में थे। बोर्ड ने न केवल उनकी परेशानी को समझा, बल्कि उन्हें समय पर दाख़िले का एक और सुनहरा अवसर भी प्रदान किया है।
बिहार बोर्ड ने यह सुविधा सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों और कॉलेजों के लिए दी है, जो इंटर एडमिशन OFSS पोर्टल पर आधारित है। पहले यह समय सीमा 28 जून तक तय थी, लेकिन अंतिम समय में तकनीकी दिक्कतों और कंपार्टमेंट परीक्षाओं के कारण बड़ी संख्या में छात्र आवेदन नहीं कर पाए थे। ऐसे में अब 3 जुलाई तक की मोहलत देना छात्र हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।
छात्रों और अभिभावकों के बीच बनी अनिश्चितता को देखते हुए बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि जिन छात्रों का चयन प्रथम मेरिट सूची में हो चुका है और उन्होंने अब तक दाख़िला नहीं लिया है, वे भी इस समय सीमा में स्कूल/कॉलेज जाकर दाख़िला प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि छात्र सभी जरूरी दस्तावेजों जैसे—10वीं की मार्कशीट, टीसी, पासपोर्ट साइज फोटो, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), बैंक पासबुक और निवास प्रमाण पत्र आदि—के साथ निर्धारित कॉलेज में उपस्थित हों।
बिहार बोर्ड की ओर से यह भी जानकारी दी गई है कि जिन छात्रों को प्रथम चयन सूची में नाम नहीं मिला है, उन्हें अगले चरण यानी दूसरी मेरिट लिस्ट का इंतजार करना चाहिए। यह सूची तब जारी होगी जब 3 जुलाई को मौजूदा दाख़िले की समय सीमा समाप्त हो जाएगी और यह देखा जाएगा कि किन सीटों पर प्रवेश नहीं हुआ है। यह प्रक्रिया 4 जुलाई से शुरू हो सकती है।
BSEB के मुताबिक कॉलेज प्रिंसिपलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी दाख़िला प्रक्रिया के अपडेट पोर्टल पर 4 जुलाई तक अनिवार्य रूप से दर्ज कर दें ताकि अगली मेरिट सूची सही ढंग से तैयार की जा सके। जो छात्र अब तक दाख़िला नहीं ले पाए हैं, उनके लिए यह अंतिम अवसर है।
OFSS प्रणाली की खासियत यह है कि छात्र एक ही पोर्टल से राज्यभर के सभी इंटर कॉलेजों और स्कूलों में अपनी पसंद के मुताबिक आवेदन कर सकते हैं। छात्र 10 विकल्प भर सकते हैं, जिससे उनकी प्राथमिकता अनुसार अलॉटमेंट किया जाता है। यह प्रक्रिया पारदर्शी और डिजिटल रूप से नियंत्रित है, जिससे भ्रष्टाचार की संभावनाएं न्यूनतम होती हैं।
इस वर्ष करीब 15 लाख छात्रों ने BSEB मैट्रिक परीक्षा 2025 में हिस्सा लिया था, जिनमें से बड़ी संख्या में छात्र प्रथम प्रयास में उत्तीर्ण नहीं हो सके थे। बोर्ड ने समय पर कंपार्टमेंट परीक्षाएं आयोजित कर नतीजे घोषित किए और अब OFSS पोर्टल की समयसीमा बढ़ाकर दाख़िले में भी लचीलापन दिखाया है। इस बार सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में सीटों की संख्या में भी वृद्धि की गई है, जिससे ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इंटरमीडिएट में प्रवेश दिलाया जा सके।
OFSS पोर्टल की मदद से छात्रों को कॉलेज के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, उन्हें केवल पोर्टल पर लॉगिन करके अपनी जानकारी और डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होते हैं। फिर बोर्ड मेरिट के आधार पर अलॉटमेंट करता है। इस प्रक्रिया से न केवल समय और पैसे की बचत होती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए यह डिजिटल सुविधा एक बड़ी राहत भी है।
बिहार बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो छात्र इस अवधि में दाख़िला नहीं लेंगे, उन्हें अगली मेरिट सूची का इंतजार करना होगा और यदि वे फिर भी दाख़िला नहीं ले पाते तो उन्हें स्पॉट राउंड या बाद में ऑफलाइन विकल्पों के सहारे कोशिश करनी पड़ सकती है। हालांकि, बोर्ड का प्रयास यही है कि सभी योग्य छात्रों को समय पर और उचित कॉलेज में दाख़िला मिल जाए।
इस बार कई प्रमुख जिलों में जैसे पटना, भागलपुर, दरभंगा, गया और मुज़फ्फरपुर में सरकारी इंटर कॉलेजों में उच्च अंक प्राप्त छात्रों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। कई कॉलेजों में पहले ही तय सीटों की संख्या से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। हालांकि बोर्ड ने यह सुनिश्चित किया है कि छात्रों को उनके विकल्पों के आधार पर दूसरे कॉलेजों में भी सीट मिल सके।
निष्कर्ष:
BSEB द्वारा OFSS पोर्टल की समय सीमा को 3 जुलाई तक बढ़ाया जाना एक स्वागतयोग्य और छात्र हितैषी कदम है। इससे उन छात्रों को अवसर मिलेगा जो किसी भी कारणवश समय से आवेदन नहीं कर पाए थे या कंपार्टमेंटल परीक्षा के नतीजों का इंतजार कर रहे थे। यह बिहार बोर्ड की पारदर्शिता और डिजिटल रूप से सुव्यवस्थित शिक्षा व्यवस्था का प्रतीक है। अब छात्रों को चाहिए कि वे समय रहते अपनी प्रक्रिया पूरी करें, ताकि वे भविष्य की पढ़ाई को बिना रुकावट जारी रख सकें।