woman crossing pedestrian lane between tall buildings

“पीएम मोदी अर्जेंटीना पहुंचे: जावियर मिली से वार्ता में व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा की बड़ी अफ़रातफ़री” | “PM Modi Lands in Argentina: Talks with Javier Milei Focus on Trade, Energy, Security”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अर्जेंटीना दौरा वैश्विक कूटनीति के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। यह दौरा सिर्फ औपचारिक शिष्टाचार की पहल नहीं, बल्कि भारत-अर्जेंटीना संबंधों में रणनीतिक साझेदारी के नए युग की शुरुआत है। प्रधानमंत्री मोदी का अर्जेंटीना में गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जावियर मिली से मुलाकात कर कई अहम द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच बातचीत का मुख्य फोकस था—ऊर्जा सुरक्षा, खनिज संसाधनों में सहयोग, रक्षा एवं अंतरिक्ष विज्ञान में संयुक्त प्रयास, और वैश्विक दक्षिण (Global South) में भारत की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाना।

यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत वैश्विक मंचों पर खुद को एक स्थायी, जिम्मेदार और विश्वसनीय भागीदार के रूप में स्थापित कर चुका है। प्रधानमंत्री का अर्जेंटीना दौरा उनके व्यापक तीन-देशी यात्रा कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसमें वे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और नामीबिया की भी यात्रा कर रहे हैं। यह दौरा भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की नीति को मजबूत करते हुए न केवल कूटनीतिक संबंधों को प्रगाढ़ करने का अवसर है, बल्कि आर्थिक और सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।

ऊर्जा और खनिज संसाधनों में भारत की रुचि

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान विशेष रूप से अर्जेंटीना के लिथियम भंडार पर जोर दिया। अर्जेंटीना विश्व के टॉप तीन लिथियम उत्पादक देशों में शामिल है और भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं, खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ऊर्जा परियोजनाओं को गति देने के लिए इस खनिज पर निर्भरता बढ़ाना चाहता है। भारत की सार्वजनिक कंपनी KABIL (Khanij Bidesh India Ltd.) पहले से ही अर्जेंटीना के कई लिथियम प्रोजेक्ट्स में साझेदारी कर रही है।

मोदी और मिली की वार्ता में इस सहयोग को और आगे बढ़ाने पर सहमति बनी। यह न केवल भारत को बैटरी स्टोरेज और हरित ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा, बल्कि भारत-अर्जेंटीना के संबंधों को एक नई आर्थिक ऊंचाई पर ले जाएगा। अर्जेंटीना की शेल गैस और प्राकृतिक गैस भंडार भी भारत के ऊर्जा सुरक्षा एजेंडे में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जहां भारत ने LNG (Liquefied Natural Gas) के निर्यात और आयात में रणनीतिक साझेदारी की पेशकश की है।

रक्षा, अंतरिक्ष और साइबर सुरक्षा पर सहयोग

दोनों नेताओं के बीच हुई वार्ता में यह सहमति बनी कि भारत और अर्जेंटीना के बीच रक्षा उत्पादन, तकनीक ट्रांसफर और संयुक्त सैन्य अभ्यासों पर चर्चा को गति दी जाएगी। भारत पहले ही अर्जेंटीना के साथ HAL के बनाए गए हेलीकॉप्टर और ड्रोन्स के निर्यात पर विचार कर चुका है। अब इस दौरे में इन प्रस्तावों को ज़मीनी स्तर पर लाने की कोशिश की जा रही है।

साथ ही, अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में ISRO और अर्जेंटीना की स्पेस एजेंसी CONAE के बीच संयुक्त प्रोजेक्ट्स पर चर्चा हुई है। यह सहयोग दोनों देशों को उपग्रह प्रक्षेपण, डेटा विश्लेषण, और जलवायु परिवर्तन पर निगरानी में एक साथ काम करने का अवसर देगा।

साइबर सुरक्षा एक अन्य अहम क्षेत्र रहा, जहां दोनों देशों ने साइबर अपराध, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा और डाटा संरक्षण जैसे विषयों पर सहयोग को मजबूत करने की बात कही। अर्जेंटीना में भारत की IT कंपनियों की रुचि और निवेश संभावनाएं अब इस रणनीतिक बातचीत के बाद और स्पष्ट हुई हैं।

कृषि और फार्मा सेक्टर में साझेदारी

भारत ने अर्जेंटीना को फार्मा, जैव तकनीक और कृषि के क्षेत्र में सहयोग की पेशकश की। भारत की फार्मा इंडस्ट्री पहले से ही वैश्विक स्तर पर अपनी सस्ती और गुणवत्ता वाली दवाओं के लिए जानी जाती है। अर्जेंटीना, जो कई जीवनरक्षक दवाओं के लिए आयात पर निर्भर है, भारत के साथ साझेदारी कर इस आवश्यकता को पूरा कर सकता है।

कृषि क्षेत्र में, भारत ने बीज तकनीक, सिंचाई नवाचार और मिट्टी परीक्षण जैसी तकनीकों को साझा करने की इच्छा जताई। अर्जेंटीना के कई ग्रामीण हिस्सों में अभी भी परंपरागत कृषि पद्धतियों का प्रयोग होता है, जहां भारत की तकनीकी मदद से उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार संभव है।

वैश्विक दक्षिण और ब्रिक्स से पहले की तैयारी

यह यात्रा उस समय हो रही है जब मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील रवाना होने वाले हैं। भारत वैश्विक दक्षिण के देशों की आवाज़ को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत कर रहा है। अर्जेंटीना जैसे देशों के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध न केवल ब्रिक्स के भीतर भारत की भूमिका को मज़बूत करेंगे, बल्कि जी20, संयुक्त राष्ट्र और WTO जैसे मंचों पर भारत को एक निर्णायक नेतृत्व देने में मदद करेंगे।

अर्जेंटीना ने भी भारत के साथ अपने संबंधों को ‘क्लोज़ स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप’ का नाम दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह दौरा केवल औपचारिकताओं तक सीमित नहीं, बल्कि आर्थिक और सामरिक दृष्टिकोण से भी नई दिशा तय करने वाला है।

सांस्कृतिक और सामाजिक संपर्क

प्रधानमंत्री मोदी ने दौरे के दौरान अर्जेंटीना में भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। उन्होंने भारत की सॉफ्ट पावर—जैसे योग, आयुर्वेद, बॉलीवुड और शांति दर्शन—को अंतरराष्ट्रीय मंच पर आगे बढ़ाने की दिशा में जोर दिया। अर्जेंटीना में भारतीय संस्कृति के प्रति बढ़ते आकर्षण ने दोनों देशों के बीच सामाजिक संपर्क को भी मजबूत किया है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अर्जेंटीना दौरा महज़ एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत के कूटनीतिक, सामरिक और आर्थिक प्रभाव को विस्तार देने की एक सुविचारित रणनीति है। ऊर्जा सुरक्षा, लिथियम साझेदारी, रक्षा सहयोग और अंतरिक्ष विज्ञान जैसे क्षेत्रों में हुई बातचीत भारत को आत्मनिर्भरता की ओर और तेजी से ले जाएगी। साथ ही यह दौरा वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका को और मजबूत करने वाला है। वैश्विक दक्षिण की आवाज़ बनने के प्रयास में यह यात्रा एक बड़ा पड़ाव है, जहां भारत अर्जेंटीना जैसे साझेदार देशों के साथ मिलकर भविष्य की दिशा तय कर रहा है।


Discover more from 50 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *