सचिव जी से लेकर प्रधान जी तक: जानिए ‘पंचायत’ की स्टारकास्ट की फीस और सफलता के पीछे की असली कहानी | From Sachiv Ji to Pradhan Ji: Full Breakdown of ‘Panchayat’ Starcast Salaries

वेब सीरीज़ की दुनिया में अगर किसी शो ने अपनी सादगी, यथार्थ और ग्रामीण ज़िंदगी की भावनाओं को पूरी सच्चाई के साथ दर्शकों तक पहुँचाया है, तो वह है ‘पंचायत’। Amazon Prime Video पर रिलीज़ होने वाला यह शो छोटे पर्दे की बड़ी क्रांति साबित हुआ है। इसके तीनों सीज़न दर्शकों के दिलों में इस कदर बस चुके हैं कि हर कैरेक्टर अब एक परिवार का हिस्सा लगने लगा है—चाहे वो अभिषेक त्रिपाठी उर्फ ‘सचिव जी’ हों, या फिर मंजू देवी उर्फ ‘प्रधान जी’।

लेकिन इन सादगी भरे किरदारों को पर्दे पर जीवंत बनाने के लिए जिन कलाकारों ने पसीना बहाया है, क्या आपने कभी सोचा है कि उन्हें इसके बदले में कितना मेहनताना मिलता है? आइए आपको बताते हैं कि ‘पंचायत’ की स्टारकास्ट को उनके दमदार परफॉर्मेंस के लिए कितनी फीस मिलती है, और यह कैसे दर्शाता है कि प्रतिभा और सादगी का मूल्य हमेशा ऊंचा होता है।

जेठालाल जैसे प्यारे ‘सचिव जी’ यानी जितेंद्र कुमार

शो के सबसे चर्चित चेहरे जितेंद्र कुमार उर्फ ‘सचिव जी’ को किसी परिचय की ज़रूरत नहीं है। IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग कर चुके जितेंद्र ने अभिनय की राह पकड़ी और ‘TVF’ जैसे प्लेटफॉर्म्स से शुरू होकर ‘पंचायत’ में मुख्य भूमिका तक पहुंचे। शो में उनका किरदार युवा, पढ़ा-लिखा लेकिन गांव की सच्चाइयों से टकराता हुआ एक ऐसा पात्र है जिससे हर युवा जुड़ सकता है।

सूत्रों के अनुसार, जितेंद्र कुमार को ‘पंचायत’ के सीज़न 1 में प्रति एपिसोड लगभग ₹50,000 से ₹70,000 तक फीस दी गई थी। लेकिन जैसे-जैसे शो लोकप्रिय होता गया, उनकी फीस में भी ज़बरदस्त इज़ाफा हुआ। सीज़न 3 तक आते-आते, जितेंद्र की प्रति एपिसोड फीस ₹4 लाख तक पहुंच गई है, जिससे कुल मिलाकर एक सीज़न के लिए उनका पैकेज लगभग ₹35–40 लाख का हो गया है। यह साफ दर्शाता है कि उनकी परफॉर्मेंस और लोकप्रियता को पूरी तरह से सैल्यूट किया जा रहा है।

‘प्रधान जी’ मंजू देवी बनीं नीना गुप्ता

एक महिला प्रधान जो नाम से प्रधान है लेकिन शासन चलाते हैं उनके पति, इस कॉन्सेप्ट ने दर्शकों को गुदगुदाया भी और सोचने पर मजबूर भी किया। मंजू देवी के किरदार को निभाया है मशहूर अदाकारा नीना गुप्ता ने, जिनकी एक्टिंग से हर दृश्य जीवन्त हो जाता है।

नीना गुप्ता का अनुभव, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्तर का अभिनय और उनकी गंभीरता को देखते हुए उन्हें ‘पंचायत’ के लिए प्रति एपिसोड ₹2 से ₹2.5 लाख तक फीस दी जाती है। उनका कुल सीज़न पैकेज लगभग ₹20–25 लाख तक पहुंचता है।

‘प्रधान पति’ – ब्रज भूषण दुबे का किरदार निभाने वाले रघुवीर यादव

रघुवीर यादव, जिन्हें थियेटर की दुनिया का सम्राट कहा जाए तो गलत नहीं होगा, इस शो में ‘प्रधान पति’ के रूप में नजर आते हैं। वह शो के सबसे प्यारे और गंभीर किरदारों में से एक हैं। उनकी संवाद अदायगी, सहज अभिनय और गाँव की राजनीति में उनके विचार—सब कुछ दर्शकों को खूब भाता है।

रघुवीर यादव को ‘पंचायत’ के एक सीज़न के लिए ₹25–30 लाख तक फीस दी जाती है। उनकी फीस अनुभव और इंडस्ट्री में उनकी प्रतिष्ठा को देखते हुए एकदम जायज मानी जाती है।

विकास के किरदार में छाया – चंदन रॉय

‘पंचायत’ में सचिव जी के सबसे करीबी और भरोसेमंद सहयोगी विकास का किरदार निभा रहे चंदन रॉय ने बहुत ही कम समय में दर्शकों के दिल में जगह बनाई। उनकी संवाद अदायगी और कॉमिक टाइमिंग ने शो में जान भर दी है।

चंदन रॉय की फीस शुरू में थोड़ी कम थी लेकिन अब उन्हें प्रति एपिसोड ₹40,000 से ₹60,000 तक का भुगतान होता है। पूरे सीज़न के हिसाब से उनका पैकेज ₹6–8 लाख तक बताया जा रहा है।

प्रह्लाद चौहान का किरदार निभाने वाले फैसल मलिक

फैसल मलिक, जो पंचायत में पुलिस विभाग से जुड़े हुए हैं और गाँव के बुजुर्गों में एक मजबूत चेहरा हैं, उन्होंने भी अपने अभिनय से शो में एक अलग आत्मा जोड़ी है। वो शो में गंभीरता और संवेदना का मजबूत स्तंभ हैं।

उनकी फीस लगभग ₹50,000 प्रति एपिसोड मानी जाती है और एक सीज़न के लिए उन्हें ₹7–10 लाख तक का भुगतान किया गया है।

अन्य सहायक कलाकार और ग्रामीण चेहरे

‘पंचायत’ की खूबसूरती उसके सहायक किरदारों से भी आती है। चाहे वो गांव के मास्टर जी हों, दुकानदार हो या पंचायत सदस्य—सभी किरदार बहुत ही असल और ठेठ देसी अंदाज़ में निभाए गए हैं। ऐसे कलाकारों को उनकी भूमिका और स्क्रीन टाइम के हिसाब से ₹15,000 से ₹50,000 प्रति एपिसोड की दर से भुगतान किया जाता है।

शो की लोकप्रियता और इसका असर कलाकारों की फीस पर

‘पंचायत’ कोई आम कॉमेडी शो नहीं है। यह एक समाज का आइना है, जो हंसी में गंभीर सच्चाइयां भी दिखाता है। इसकी लोकप्रियता सिर्फ कहानी या निर्देशन के कारण नहीं, बल्कि किरदारों की सच्चाई और कलाकारों की ईमानदारी से निभाई गई भूमिकाओं के कारण है। यही कारण है कि हर सीज़न के बाद इन कलाकारों की फीस में 15–20% तक की बढ़ोतरी देखने को मिलती है।

निष्कर्ष

‘पंचायत’ ने दिखाया कि कहानी अगर ज़मीन से जुड़ी हो, किरदार अगर सच्चे हों और अभिनय अगर दिल से किया गया हो, तो शो को ऊंचाई तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। इस शो की स्टारकास्ट को मिल रही फीस न सिर्फ उनके काम की सराहना है, बल्कि भारतीय डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सच्चे कंटेंट की जीत भी है।

शो का हर कलाकार अपने अभिनय से यह साबित करता है कि ग्लैमर या बड़े नाम जरूरी नहीं, बल्कि असली कला और संवेदना ज्यादा असरदार होती है। ‘पंचायत’ की टीम आज भले ही मोटी रकम कमा रही हो, लेकिन उन्होंने यह सब मेहनत, समय और आत्मीयता से कमाया है—जिसके लिए उन्हें पूरा सम्मान और प्रशंसा मिलनी ही चाहिए।


Discover more from 50 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *