पोप फ्रांसिस का निधन: एक वैश्विक शोक

पोप फ्रांसिस, जिनका असली नाम जोर्ज मारियो बर्गोग्लियो था, 21 अप्रैल 2025 को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गए। उनकी मृत्यु ने पूरी दुनिया को शोक में डुबो दिया है।

पोप फ्रांसिस पिछले कुछ वर्षों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। हाल ही में, उन्हें डबल न्यूमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालांकि, मृत्यु का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है।

उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थिति ईस्टर रविवार को संत पेत्रुस चौक में थी। उसके बाद, उन्होंने कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किया।​

उनकी मृत्यु के बाद, विश्व नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके योगदान की सराहना की।​

पोप फ्रांसिस ने गरीबों, प्रवासियों और पर्यावरण के लिए कई पहलें की। उनकी पुस्तक "लौदातो सी" ने वैश्विक स्तर पर पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाई।​

वेटिकन ने घोषणा की है कि संत पेत्रुस बासिलिका में उनके शरीर का सार्वजनिक दर्शन बुधवार से शुरू होगा। अंतिम संस्कार की तिथि अभी निर्धारित नहीं हुई है।​

उनकी मृत्यु के बाद, दुनिया भर में शोक की लहर है। फुटबॉल मैचों को भी उनकी याद में स्थगित किया गया।​

पोप फ्रांसिस की मृत्यु के बाद, नए पोप के चुनाव के लिए कोंक्लेव की प्रक्रिया शुरू होगी। यह प्रक्रिया वेटिकन के पारंपरिक नियमों के अनुसार होगी।​

पोप फ्रांसिस का निधन न केवल कैथोलिक चर्च के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी शिक्षाएं और योगदान हमेशा याद रखे जाएंगे।​